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राशि अनुसार कौन सा रुद्राक्ष कर सकते हैं आप धारण


भगवान शिव की प्रिय वस्‍तुओं में से एक रुद्राक्ष पृथ्‍वी के लिए भगवान शिव का वरदान ही है। शिव पुराण में रुद्राक्ष को सभी रत्‍नों में श्रेष्‍ठ कहा गया है। जीवन में हर दुख और संताप मिटाने के लिए भगवान शिव की कृपा आवश्‍यक है और भगवान शिव की कृपा प्राप्‍त करने के लिए रुद्राक्ष सबसे आसान साधन है। 

इस लेख में हम समझते हैं राशि अनुसार रुद्राक्ष धारण करने का क्‍या तरीका होता है: 

मेष और वृश्‍चिक राशि: राशि चक्र की पहली राशि मेष राशि होती है और आठवीं राशि वृश्‍चिक होती है। इन राशियों का स्‍वामी मंगल होता है। भूमि इत्‍यादी से संबंधि‍त कामों के लिए तथा सेना और बल संबंधित कार्य के लिए भी मंगल कारक ग्रह होता है।
मंगल से संबंधित रुद्राक्ष तीन मुखीरुद्राक्ष माना गया है। अत: मेष राशि के जातकों के लिए सबसे उत्‍तम रहता है कि वह तीन मुखीरुद्राक्ष धारण करें।
मेष राशि के जातकों के अलावा ऐसे जातक भी तीन मुखीरुद्राक्ष धारण कर सकते हैं जो मंगल से जुडे कार्य करते हों। मंगल से जुड़े कार्यों में ठेकेदारी, प्रापर्टी डीलिंग, सेना, किचन आदि आते हैं। 

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वृषभ और तुला राशि: राशिचक्र की दूसरी राशि वृषभ होती है और सातवीं राशि तुला होती है। इन राशियों का स्‍वामी शुक्र होता है। शुक्र महिलाओं से संबंधि‍त चीजों का कारक होता है। यह सुंदरता, नजाकत और भव्‍य चीजों का भी कारक होता है। 

शुक्र से संबंधित रुद्राक्ष ‘6मुखीरुद्राक्ष होता है। अत: वृषभ और तुला राशि के जातक इसे धारण करते हैं तो यह उनके लिए लाभकारक होते हैं। 

इसके अलावा ऐसे लोग जो शुक्र ग्रह से संबंधित व्‍यापार करते हैं वह भी 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करें तो बहुत लाभदायक होता है। 


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मिथुन और कन्‍या राशि:  मिथुन राशिचक्र की तीसरी राशि है और कन्‍या छठवीं राशि होती है। इन राशियों का स्‍वामी बुध होता है। बुध बुद्धि का कारक होता है। ऐसा कोई भी कार्य जिसमें गणना की जानी हो सभी बुध के संरक्षण में आते हैं। 

बुध से सबंधित रुद्राक्ष 4 मुखी रुद्राक्ष होता है। अत: मिथुन और कन्‍या राशि के जातकों को 4 मुखी रुद्राक्ष धारण करना बहुत लाभकारी होता है। 


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कर्क राशि: कर्क राशि का स्‍वामी चंद्रमा होता है। चंद्रमा वेदिक ज्‍योतिष में बहुत महत्‍वपूर्ण ग्रह माना गया है। यह हमारे मन मस्‍तिष्‍क का कारक होता है। वेदिक ज्‍योतिष के अनुसार पृथ्‍वी के पूरे जल पर चंद्रमा का प्रतिनिधित्‍व होता है।
वेदिक ज्‍योतिष में चंद्रमा से संबंधित रुद्राक्ष दो मुखी रुद्राक्ष होता है। अत: कर्क राशि के जातक को दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। 


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सिंह राशि: सिंह राशि राशि चक्र की पांचवी राशि होती है। इस राशि का स्‍वामी सूर्य होता है। वेदिक ज्‍योतिष में सूर्य से संबंधित रुद्राक्ष एकमुखी रुद्राक्ष होता है। अत: सिंह राशि के जातक इसे धारण करते हैं तो उनके तेज में वृद्धि होती है तथा वह मान सम्‍मान प्राप्‍त करते हैं। 

इसके अलावा सूर्य से संबंधित कार्य करने वाले लोग भी इस रुद्राक्ष को धारण करें तो उनकी प्रगति बहुत तीव्र गति से होती है। 


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धनु और मीन राशि: धनु राशि चक्र की 10वीं राशि होती है और मीन 12वीं राशि होती है। इन दोनों राशियों का स्‍वामी ग्रह बृहस्‍पति होता है तथा इससे संबंधित रुद्राक्ष 5 मुखी रुद्राक्ष होता है। 

अत: धनु और मीन राशि के लोगों को 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभकारी होता है। 

इन राशियों के अलावा बृहस्‍पति ग्रह से संबंधित कार्य करने वाले लोग 5 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। 


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मकर और कुंभ राशि: मकर राशि राशि चक्र की 10वीं राशि है और कुंभ राशि 11वीं राशि है। इसका स्‍वामी शनि होता है। वेदिक ज्‍योतिष में शनि से संबंधित रुद्राक्ष 7 मुखी रुद्राक्ष होता है। 

अत: इस रुद्राक्ष को मकर और कुंभ राशि के जातक धारण करें तो उनके लिए अति उत्‍तम होता है। यह शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दुष्‍प्रभाव को भी कम करता है। 

इस रुद्राक्ष को कोई भी जातक अपने धीरे चल रहे व्‍यापार को गति देने और शनि से संबंधित काम कर रहे हो तो धारण कर सकते हैं। नीलम रत्‍न से अलग यह कभी भी किसी भी प्रकार का नकारात्‍मक प्रभाव नहीं डालता। 


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