इस माह की 28 तारीख से सावन के पवित्र माह की शुरूआत है। 28 जुलाई से शुरू होकर यह 26 अगस्त तक रहेगा। यह समय भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। दूर-दूर से लोग भगवान शिव के मंदिर जाते हैं और भोले बाबा के दर्शन कर जीवन की समस्याओं से मुक्त होने की ओर कदम आगे बढ़ाते हैं।
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पूर्ण प्राण प्रतिष्ठित 12 ज्योर्तिलिंग शिव चौकी |
कितना अच्छा हो अगर कुछ ऐसा आपको मिल जाए जिसको घर में स्थापित करके उसके पूजन मात्र से ही आपको भगवान शिव का ऐसा वरदान मिले की आपके जीवन से सारे दुख और कष्ट दूर हो जाएं। जी हां ऐसी ही एक चौकी है जिसका नाम है ‘बारह ज्योतिर्लिंग पूजन चौकी’। इस चौकी के मध्य में भगवान शिव विराजमान है। भगवान शिव के चारों तरफ उनके 12 परम पावन ज्योतिर्लिंग स्थापित किए गए हैं। इस प्रकार प्राण प्रतिष्ठित होने के बाद यह बहुत ही शक्तिशाली यंत्र चौकी के रूप में घर में स्थापना के लिए तैयार हो जाती है।
इसे प्राप्त करने के लिए आप हमारे संस्थान में 7007012255 पर कॉल करके इसकी बुकिंग करवा सकते हैं।
स्थापना से लाभ:
दुनिया में ऐसा क्या है जिसे भोले भक्त चाहे और उसे प्राप्त न कर सके। इस यंत्र के पूजन से शिव प्रसंन होते हैं और अपने भक्त के हर कष्ट हर लेते है।
अगर आप शिव भक्त हैं तो इस यंत्र की स्थापना के लाभ के विषय में सोचने की आवश्यक्ता ही नहीं है। यह घर में स्थापित होकर प्रतिदिन आपको 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन का फल देता है।
ऐसे घर में जहां यह शिव यंत्र चौकी स्थापित की जाए वहां बुरी शक्तियों का प्रवेश अपने आप ही वर्जित हो जाता है।
शिव की कृपा होने पर असमय मृत्यु के दोष भी नष्ट हो जाते हैं।
धन संबंधि परेशानियों को भी दूर करता है।
कीमत और प्राप्त करने की विधि
वैसे तो इस समय के अनुसार और इस चौकी के महत्व के अनुसार यह बहुमूल्य हो जाती है। लेकिन आप लोगों तक पहुंचाने के लिए जिन संसाधनों का इस्तेमाल किया जाता है उसके कारण इसका सहायता शुल्क मात्र 2500 रुपए ही है।
इसे प्राप्त करने के लिए आप
हमारे संस्थान में 7007012255 पर कॉल करके इसकी बुकिंग करवा सकते हैं।
यह आपके दिए
गए पते पर COD यानी
कि कैश ऑन डिलेवरी में भिजवाया जाता है। जिसका कोई अतिरिक्त शुल्क आपसे नहीं लिया
जाता है।
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यंत्र की बनावट
यह यंत्र बेहद आकर्षक दिखाई देता है। इसका आकार लगभग 12 x16 x16 सेमी का होता है। चौकी के एकदम मध्य में भगवान शिव की प्रतिमा लगी है। चौकी के चारों तरफ त्रिशूल लगाए गए हैं। इसके साथ ही भगवान शिव की प्रतिमा के चारों तरफ 12 ज्योर्तिलिंगों को लगाया गया है जो इस चौकी को सबसे अलग करता है। इस चौकी को सामने से देखने पर इस पर बहुत सुंदर तरीके से ‘ऊं नम: शिवाय’ लिखा हुआ है।
इस यंत्र में समाहित किए गए 12 ज्योतिर्लिंग इस प्रकार हैं:
1: सोमनाथ: गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित यह ज्योतिर्लिंग बहुत प्रसिद्ध है। इसकी महिमा ऐसी है कि इसे देश के कोने-कोने से ही नहीं विदेशों से भी लोग देखने आते हैं।
2: मल्लिकार्जुन: इसे श्रीशैला के नाम से भी जानते हैं। यह आंघ्र प्रदेश के कुरनूल में स्थित है। इसका आर्किटेक्ट किसी चमत्कार से कम नहीं है। आदि शंकराचार्य ने शिवानंदा लहरी की रचना यहीं की थी।
3: महाकाल: मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित इस ज्योतिर्लिंग का महत्व बहुत अधिक है। यहां जो शिवलिंग स्थित है वह स्वयंभू ‘अर्थात प्राकृतिक रूप से स्वयं बना हुआ’ है। यहां भी लोग सुख और शांति की कामना लेकर दूर-दूर से आते हैं।
4: ओंकारेश्वर: मध्यप्रदेश के नर्मदा नदी पर यह ज्योतिर्लिंग स्थित है। इसके साथ अमरेश्वर मंदिर भी है।
5: केदारनाथ: इस यंत्र चौकी में स्थित 5वां ज्योतिर्लिंग केदारनाथ है। इस मंदिर की महानता और चमत्कार से तो सब वाकिफ है। जब केदारनाथ में सैलाब आया था तो सिर्फ यह मंदिर ही एकमात्र चीज थी जिसे खरोच भी नहीं आई थी और केवल वही लोग बच पाए थे जो इस मंदिर में रुके थे।
6: भीमाशंकर: महाराष्ट्र में स्थित यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के त्रिपुरासुर के संहार से जुड़ा माना जाता है।
7: विश्वनाथ: उत्तर प्रदेश के शहर बनारस में स्थित यह ज्योतिर्लिंग भी इस चौकी में समाहित है।
8: त्रिमबकेश्वर: महाराष्ट्र के नासिक शहर के पास स्थित यह ज्योतिर्लिंग का संबंध गोदावरी नदी के उद्गम से माना जाता है।
9: बैद्यनाथ धाम: झारखंड के देवगढ़ में स्थित यह शिव धाम हर मनोकामना की पूर्ती के लिए जाना जाता है।
10: नागेश्वर मंदिर: गुजरात के द्वारिका शहर में स्थित यह नागेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव की कृपा पाने का अनूठा अवसर देता है।
11: रामेश्वरम: तमिलनाडू में स्थित यह ज्योतिर्लिंग दक्षिण भारत में भगवान शिव की उपस्थिति की अनूठी मिसाल है। यह ज्योर्तिलिंग हमेशा से ही भक्तों के लिए भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था को प्रकट करने का माध्यम रहा है।
12: घृष्णेश्वर ज्योर्तिलिंग: महाराष्ट्र के औरंगाबाद में यह ज्योतिर्लिंग स्थित है। यह एलोरा गुफा के पास में ही है।
इसे प्राप्त करने के लिए आप हमारे संस्थान में 7007012255 पर कॉल करके इसकी बुकिंग करवा सकते हैं।
कैसे करें स्थापना के बाद पूजा
क्योंकि यह चौकी हमारे संस्थान से प्राण प्रतिष्ठित करके भेजी जाती है इसलिए इसकी स्थापना से पूर्व आपको कोई बहुत ज्यादा मंत्रोचार करने की आवश्यक्ता नहीं होती है। इसे प्राप्त करने के बाद अगले दिन प्रात: काल स्नान आदि कर के भगवान शिव का मंत्र ‘ऊं नम: शिवाय’ का जप करते हुए इसे अपने मंदिर में लाल कपड़े के ऊपर स्थापित करें। तिलक आदि करके सभी ज्योतिर्लिंग के दर्शन करें और एक माला भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
जाप वाली प्रक्रिया प्रत्येक दिन करें और प्रतिदिन 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन भी अवश्य करें। जप करते समय अपनी पीठ सीधी रखें और मन में किसी भी प्रकार का लोभ या स्वार्थ न हो। इस प्रकार पूजन व जप करने से भगवान शिव की अपार अनुकप्पा प्राप्त होगी।
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