भगवान शिव की प्रिय वस्तुओं में से एक रुद्राक्ष पृथ्वी के लिए भगवान शिव का वरदान ही है। शिव पुराण में रुद्राक्ष को सभी रत्नों में श्रेष्ठ कहा गया है। जीवन में हर दुख और संताप मिटाने के लिए भगवान शिव की कृपा आवश्यक है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष सबसे आसान साधन है। इस लेख में हम समझते हैं राशि अनुसार रुद्राक्ष धारण करने का क्या तरीका होता है: मेष और वृश्चिक राशि: राशि चक्र की पहली राशि मेष राशि होती है और आठवीं राशि वृश्चिक होती है। इन राशियों का स्वामी मंगल होता है। भूमि इत्यादी से संबंधित कामों के लिए तथा सेना और बल संबंधित कार्य के लिए भी मंगल कारक ग्रह होता है। मंगल से संबंधित रुद्राक्ष ‘ तीन मुखी ’ रुद्राक्ष माना गया है। अत: मेष राशि के जातकों के लिए सबसे उत्तम रहता है कि वह ‘ तीन मुखी ’ रुद्राक्ष धारण करें। मेष राशि के जातकों के अलावा ऐसे जातक भी ‘ तीन मुखी ’ रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं जो मंगल से जुडे कार्य करते हों। मंगल से जुड़े कार्यों में ठेकेदारी , प्रापर्टी डीलिंग , सेना , किचन आदि आते हैं। अभिमंत्...