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Showing posts from July, 2018

राशि अनुसार कौन सा रुद्राक्ष कर सकते हैं आप धारण

भगवान शिव की प्रिय वस्‍तुओं में से एक रुद्राक्ष पृथ्‍वी के लिए भगवान शिव का वरदान ही है। शिव पुराण में रुद्राक्ष को सभी रत्‍नों में श्रेष्‍ठ कहा गया है। जीवन में हर दुख और संताप मिटाने के लिए भगवान शिव की कृपा आवश्‍यक है और भगवान शिव की कृपा प्राप्‍त करने के लिए रुद्राक्ष सबसे आसान साधन है।  इस लेख में हम समझते हैं राशि अनुसार रुद्राक्ष धारण करने का क्‍या तरीका होता है:  मेष और वृश्‍चिक राशि: राशि चक्र की पहली राशि मेष राशि होती है और आठवीं राशि वृश्‍चिक होती है। इन राशियों का स्‍वामी मंगल होता है। भूमि इत्‍यादी से संबंधि‍त कामों के लिए तथा सेना और बल संबंधित कार्य के लिए भी मंगल कारक ग्रह होता है। मंगल से संबंधित रुद्राक्ष ‘ तीन मुखी ’ रुद्राक्ष माना गया है। अत: मेष राशि के जातकों के लिए सबसे उत्‍तम रहता है कि वह ‘ तीन मुखी ’ रुद्राक्ष धारण करें। मेष राशि के जातकों के अलावा ऐसे जातक भी ‘ तीन मुखी ’ रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं जो मंगल से जुडे कार्य करते हों। मंगल से जुड़े कार्यों में ठेकेदारी , प्रापर्टी डीलिंग , सेना , किचन आदि आते हैं।  अभिमंत्...

धन देने वाली मां लक्ष्‍मी कछुआ अंगूठी

वेद‍िक ज्‍योतिष में कछुआ मां लक्ष्‍मी की सवारी कहा गया है। इसके अलावा फेंगशुई और वास्‍तुशास्‍त्र में भी इसका बड़ा महत्‍व है। ऐसी मान्‍यता है कि कछुए की प्रतिमा घर में रखने से घर में मां लक्ष्‍मी का वास होता है। इस‍ कारण से ही बहुत शोध और अथक प्रयास के बाद ऐसी अंगूठी का निर्माण हो पाया जो हाथ की अंगुलियों में जाते ही धन प्राप्‍त‍ि के मार्ग खोल देती है। यह अंगूठी चांदी में ढाली गई है। चांदी चंद्रमा का रत्‍न है और यह व्‍यक्ति की सम्‍पन्‍नता का सूचक है अत: कछुए की आकृति को चांदी के स्‍वरूप में धारण करना बहुत शुभ फल देने वाला होता है। आइए जानते हैं इस अंगूठी के विषय में: नाम : मां लक्ष्‍मी कछुआ अंगूठी धातु: 90 प्रतिशत शुद्ध चांदी शुल्‍क : मात्र 1100/ रू. विशेषता: आचार्य राम द्वारा विधिवत मंत्रों द्वारा अभिमंत्रित यह अंगूठी प्राप्‍त करने के लिए 7007012255 पर कॉल करें या वाट्सप करें।

वेदिक ज्‍योतिष के अनुसार ये पांच चीजें दिला सकती है आर्थिक तंगी से छुटकारा

आजीविका चलाने के लिए हर व्‍यक्ति उद्यम करता है। किसी को थोड़ी मेहनत करके भी सबकुछ मिल जाता है और किसी को अपना सर्वस्‍व लगाने के बाद भी उतना नहीं मिल पाता जिसका वो हकदार है। ज्‍योतिष के अनुसार इसके कई कारण होते हैं। वेदिक ज्‍योतिष में ऐसी अवस्‍था का सामना करने के लिए कई उपाय भी हैं जिनमें से कुछ अति लाभप्रद उपाय इस प्रकार हैं:    1)       सात मुखी रुद्राक्ष: वेदिक ज्‍योतिष में सात मुखी रुद्राक्ष को शनि देव से संबंधित माना गया है। व्‍यापार में वृद्ध‍ि के लिए इसे धारण करने की सलाह दी जाती है। हम सभी जानते हैं कि शनि बहुत धीमें ग्रह हैं और यदि उनके शुभ फल प्राप्‍त न हो पा रहे हों तो व्‍यापार आदि में बहुत मंदी आ जाती है। ऐसे में सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से बहुत लाभ मिलता है।      प्राप्‍त करनें के लिए कॉल करें 7007012255 या इसी नम्‍बर पर वाट्सएप करें।   मूल्‍य : अभिमंत्रण व प्राणप्रतिष्‍ठा के साथ नेपाली रुद्राक्ष मात्र रू. 2100 /-       2)    ...

12 ज्‍योर्तिलिंग महाशिव चौकी: शिव भक्तों के लिए अनूठा उपहार

इस माह की 28 तारीख से सावन के पवित्र माह की शुरूआत है। 28 जुलाई से शुरू होकर यह 26 अगस्‍त तक रहेगा। यह समय भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे उपयुक्‍त माना जाता है। दूर - दूर से लोग भगवान शिव के मंदिर जाते हैं और भोले बाबा के दर्शन कर जीवन की समस्‍याओं से मुक्‍त होने की ओर कदम आगे बढ़ाते हैं।  पूर्ण प्राण प्रतिष्‍ठित 12 ज्‍योर्तिलिंग शिव चौकी कितना अच्‍छा हो अगर कुछ ऐसा आपको मिल जाए जिसको घर में स्‍थापित करके उसके पूजन मात्र से ही आपको भगवान शिव का ऐसा वरदान मिले की आपके जीवन से सारे दुख और कष्‍ट दूर हो जाएं। जी हां ऐसी ही एक चौकी है जिसका नाम है ‘ बारह ज्‍योतिर्लिंग पूजन चौकी ’ । इस चौकी के मध्‍य में भगवान शिव विराजमान है। भगवान शिव के चारों तरफ उनके 12 परम पावन ज्‍योतिर्लिंग स्‍थापित किए गए हैं। इस प्रकार प्राण प्रतिष्‍ठित होने के बाद यह बहुत ही शक्तिशाली यंत्र चौकी के रूप में घर में स्‍थापना के लिए तैयार हो जाती है।    इसे प्राप्‍त करने के लिए आप हमारे संस्‍थान में 7007012255 पर कॉल करके इसकी बुकिंग करवा सकते हैं।  स्‍थापना से लाभ:  दुनिया में ऐ...