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अभिमंत्रित सुलेमानी हकीक मूल्य मात्र 1200 रुपए |
सुलेमानी हकीक के लाभ ही है कि मूर्ति पूजा का बहिष्कार करने वाले हमारे मुसलमान भाई भी सुलेमानी हकीक धारण करते हैं और अपने साथ-साथ अपने परिवार को भी बुरी नजर से बचाते हैं।
वैसे तो सुलेमानी हकीक को कोई भी धारण कर सकता है। इसको पहनने से पहले न तो कुंडली दिखवानी पड़ती है और न ही राशि, न किसी ग्रह के दुष्प्रभाव का इंतजार करना है और न ही बुरे समय का इंतजार करना है। बस थोड़ी सी आस्था रख कर अगर इसे अंगूठी या लॉकेट में धारण कर लिया जाए तो यह धारण करने वाले को बहुत सकारात्मक कर देता है।
अगर ग्रहों की बात करें तो शनि, राहू और केतु को सुलेमानी हकीक से जोड़कर देखा जाता है। यह अकेला रत्न इन तीनोंं ग्रहों के दुष्प्रभाव को खत्म करने की क्षमता रखता है। इसलिए ही यह रत्न इतना चमत्कारिक माना जाता है।
क्यों पहनें चमत्कारिक सुलेमानी हकीक:
शनि ग्रह क्रूर ग्रह माने जाते हैं। यह जब भी किसी को दंड देने का मन बना लेते हैं तो व्यक्ति का सर्वनाश निश्चित हो जाता है। शनि ग्रह के ऐसे प्रभावों को समझना बहुत जरूरी है जिनके दिखने पर आप सतर्क होंं जाएं तो बेहतर होगा:
शनि ग्रह धीमा ग्रह है। यह सबसे धीमे चलने वाला ग्रह है और एक ही राशि में बहुत लंबे समय तक रहता है। इसलिए इसका जीवन में भी कुछ ऐसा ही प्रभाव पड़ता है। आप आलसी होने लगते हैं, एक जगह पर बैठ जाने के बाद वहां से उठने का मन नहीं करता है। इसके अलावा आपके जो काम पहले बहुत आसानी से हो जाया करते थे अब वह पूरा होने में समय लेते हैं। ऐसा पैसा जो आपका ही है वो भी आपको नहीं मिलता। आखिरी पड़ाव में पहुंच कर सारे काम रुक जाते हैं। शनि ऐसी परिस्थितियां पैदा करता है कि व्यक्ति पूर्ण विश्वास से कोई निर्णय ही नहीं ले पाता। सारे के सारे काम और सारी की सारी मेहनत ऐसी स्थिति में जाकर रूक जाती है जब उसका फल मिलना था।
इस अवस्था में अभिमंत्रित सुलेमानी हकीक धारण करना आपके लिए बहुत मददगार साबित होता है। यह समय के साथ आपके नुकसान को कम करता है और बिल्कुल निराशा से भरे जीवन में आशा की किरण लेकर आता है।
राहू ग्रह भी अपनी बुराईयों के लिए जग प्रसिद्ध है। यह शेयर और सट्टे में नुकसान करवाता है। पैसे आपके पास आ तो रहे हों लेकिन जा कहां रहे हैं यह पता न चले तो आप इसे राहू के दुष्प्रभाव का फल ही समझिये। जीवन में सब कुछ सही चलते हुए भी संतुष्टि नहीं रहती और पैसा, प्यार या दूसरे सुख तब आपको नहीं मिलते जब उसकी आपको सबसे ज्यादा जरूरत हो। ऐसी अवस्था में भी सुलेमानी हकीक धारण करना बहुत लाभप्रद होता है। ऐसा कोई भी व्यापार जहां बिना मेहनत के बस थोड़ा सा रिस्क उठाकर धन कमाया जा सके उसमें राहू धन प्राप्ती में बहुत मदद करता है। ऐसे में अभिमंत्रित सुलेमानी हकीक अवश्य धारण करना चाहिए।
केतु ग्रह राहू का ही साथी है। जन्म कुंडली में यह दोनों ग्रह हमेशा एक दूसरे को सातवीं दृष्टि से देखते हैं और एक दूसरे के पूरक के रूप में मानव जीवन को प्रभावित करते रहते हैं। केतु विशेष कर मानव को कर्ज के जाल में फंसाता है। केतु के बुरे प्रभाव होने लगे तो हमारे बिजली से चलने वाले सामान और इंटरनेट आदि जल्दी जल्दी खराब होते हैं। पैसा तेजी से खर्च होता है और अपने काम के समय आपको लोगों के सामने हाथ फैलाना पड़ता है। इस स्थिति में भी व्यक्ति को शीर्घ से अभिमंत्रित सुलेमानी हकीक धारण करना चाहिए।
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इसके अलावा एक जानकारी और देना चाहुंंगा राहू और केतु के बारे में। ज्योतिष शास्त्र में इन ग्रहों को छाया ग्रह कहते हैं। इनका खुद जो प्रभाव होता है उसके साथ ये ग्रह जिन ग्रहों के साथ होते हैं उन पर अपनी छाया छोड़ते हैं। अत: उन ग्रहों का फल तो कम होता ही है साथ ही राहू केतु के दुष्प्रभाव ज्यादा पीडि़त करते हैं। इसलिए इन दोनों को नियंत्रित और प्रसन्न रखना अति आवश्यक है। जिसके लिए अभिमंत्रित सुलेमानी हकीक धारण करना सबसे बेहतरीन उपाय है।
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