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Showing posts from 2018

ऋण मोचन कवच, कर्ज मुक्ति का ज्‍योतिषीय उपाय

यदि कोई व्यक्ति कर्ज के बोझ में दबा हो तो उसका दर्द केवल वो ही समझ सकता है। जीवन व्यर्थ सा लगने लगता है। बार- बार उसे बेइज्जती का सामना करना पड़ता है। कर्ज में डूबे व्‍यक्ति का जीवन नरक सा हो जाता है।  बहुत बार तो यह भी देखा गया है कि कर्ज के बोझ तले दबा व्यक्ति अवसाद का शिकार हो जाता है। वह धीरे धीरे अपनों से भी दूर-दूर रहने लगता है। आचार्य अभिनव ने कर्ज से दबे व्येक्तियों की कुंडली का अध्य‍यन किया और निष्‍कर्ष पर पहुंचे कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह नीच का हो या शुभ फल देने की स्थिति में न हो। इसके अलावा अगर अशुभ मंगल की दृष्टि 6 ठें , 11 वें और 12 वें भाव में पड़ रही हो तो भी व्याक्ति कर्ज में डूब जाता है और पाई पाई को मोहताज होता है। यह स्थिति और भयावाह तब हो जाती है जब शनि की ढैया , साढेसाती , महादशा या अंतरदशा आ जाए। यदि मंगल और शनि एक साथ अशुभ प्रभाव देने पर आ गए तो कर्ज के साथ बदनामी होगी। जगह-जगह अपमानित होना पड़ेगा। उपाय: कर्ज की स्थिति में मंगल ग्रह को शांत करना बहुत आवश्योक होता है और सारे उपाय उसी से संबंधित होते हैं। कर्ज जब अध...

विवाह बाधा निवारण कवच, शादी के रुकावट को दूर करने का रामबाण उपाय

विवाह बाधा निवारण कवच हमारे समाज में विवाह का इतना महत्‍व है कि यदि सही समय में किसी का विवाह संपन्‍न हो जाए तो उसे भगवान का वरदान ही समझा जाता है। लेकिन यदि किसी का विवाह समय से न हो तो यह सिर्फ उसके लिए ही नहीं उसके पूरे परिवार के लिए परेशानी और तनाव का कारण बन जाता है। लेकिन वेदिक ज्‍योतिष में इस परिस्थिति से बाहर निकलने के लिए कई कारगर उपाय हैं। इन्‍हीं उपायों में से ज्‍योतिष आशा के माध्‍यम से मैं लेकर आया हूं विवाह बाधा निवारण कवच। आइए जानते हैं क्‍या खास है इस कवच में और कैसे यह सक्षम है विवाह में आ रही अड़चनों और बाधाओं को दूर करने में: इस कवच का सबसे पहला और महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है: 1: कात्‍यायिनी यंत्र:  मां कात्‍यायिनी मंगल कार्यों की देवी हैं और भारतीय पौराणिक कथाओं में इस बात का साफ वर्णन मिलता है कि जब गोपियों को श्रीकृष्‍ण का प्रेम नहीं प्राप्‍त हुआ तो उन्‍होंने मां कात्‍यायिनी की पूजा अर्चना की और उनसे स्‍वामी रुप में भगवान श्रीकृष्‍ण को प्राप्‍त करने की कामना की। मां कात्‍यायिनी के आशीर्वाद से ही भगवान श्रीकृष्‍ण सबको प्राप्‍त हुए। इस प्र...

क्‍यों वेदिक उपायों में सर्वश्रेष्‍ठ है राशि भाग्‍य रत्‍न धारण करना।

राशि के अनुसार रत्‍न जानने व अभिमंत्रित तथा 100 प्रतिशत शुद्ध रत्‍न प्राप्‍त करने के लिए 7007012255 पर कॉल कीजिए।  राशि अनुसार रत्‍नों को धारण करने की परंपरा वेदिक काल से रही है। वेदिक काल की कथाओं और वृत्‍तांतों में जीवन में कई दुखों और कष्‍टों को हरने वाला राशि रत्‍नों को बताया गया है। राशि अनुसार धारण किए जाने वाले रत्‍नों में 7 रत्‍न मुख्‍य है जिन पर आज हम राशि अनुसार चर्चा करेंगे। सबसे पहले लेकिन यह समझना अनिवार्य है कि व्‍यक्ति की राशि क्‍या होती है। जन्‍म राशि अर्थात नाम राशि वेदिक ज्‍योतिष में बहुत महत्‍वपूर्ण मानी गई है। यह वास्‍तव में किसी भी व्‍यक्ति के जन्‍म के समय चंद्रमा की स्थिति को बताती है। वेदिक ज्‍योतिष में यह मान्‍यता है कि मनुष्‍य के जीवन भर उसकी राशि और उससे संबंधित ग्रह का प्रभाव रहता है। राशि रत्‍न धारण करने से व्‍यक्ति को संबंधित ग्रह के शुभफल तो प्राप्‍त होते ही हैं साथ ही स्‍वास्‍थ में लाभ ि‍मिलता है, व्‍यापार में उन्‍नति होती है और मन मष्तिस्‍त इतना प्रभावशाली बनता है ि‍कि वह स्‍वयंं अपने भाग्‍योदय के मार्ग पर चल पड़ता है। तो आइए जानते हैं राशि...

वार्षिक राशिफल 2019, मेष राशि : आचार्य अभिनव दूबे

वर्ष 2019 मेष राशिफल , Aries Horoscope in Hindi 2019, Aries Yearly Horoscope 2019, Horoscope 2019.  आचार्य अभिनव से कुंडली‍ विश्‍लेषण करवाने, रत्‍न सलाह लेने अथवा वास्‍तु परामर्श लेने के लिए 7007012255 पर संपर्क करें।  मेष राशि Horoscope 2019  आपका पिछला साल जितना संघर्ष पूर्ण गया है उतना ही सुखद यह आने वाला वर्ष है। इस साल आप जीवन के विभिन्‍न पड़ावों में सफल होंगे और आनंदमय रहेंगे। करियर करियर के लिहाज से आपका यह साल बहुत अच्‍छा है जिसका कारण मेष राशि की कुंडली में शनि देव का करियर और लाभ के स्‍वामी होकर आपके भाग्‍य स्‍थान पर बैठना है। साथ ही भाग्‍येश बृहस्‍पति आपके आठवें भाव पर भी बैठे हैं जो की भाग्‍य को प्रबल करेगा। अब तक आप अगर किसी परीक्षा में एक दो नम्‍बर से रुक जा रहे होंगे तो इस साल आपकी सफलता निश्‍चित ही मिलेगी। आपको आपकी मेहनत का उचित फल मिलेगा लेकिन शनि और गुरू जिस स्‍थान में हैं उस स्थिति में यह कहना गलत नहीं होगा कि मेहनत से भी ज्‍यादा अच्‍छे परिणाम मिलेंगे। कई रुके काम मार्च के बाद पूरे होंगे। आप उत्‍साहित रहेंगे और मन भी प्...

शनि देव के आशीर्वाद से रंक भी बनता है राजा, महानायक है इसके उदाहरण जरूर पढ़ें।

शनि देव की कृपा और क्रोध के कई किस्‍से हम सबने सुने हैं। सभी नौ ग्रहों में सबसे ज्‍यादा क्रूर ग्रह अगर किसी को माना जाता है तो वह शनि देव हैं। इसके पीछे कई कहानियां और विचार हैं। ऐसा ही एक विचार है वेदिक ज्‍योतिष में हैं जिसके अनुसार यह कहा जाता है कि शनि देव सिर्फ हानि या विनाश नहीं करते बल्‍कि वह न्‍याय करते हैं और न्‍याय करते समय शनि देव एकदम दृढ़ हो जाते हैं अर्थात अगर शनि देव के न्‍याय के अनुसार आपको दंड देना है तो वह दंड ऐसा होगा कि आप पूरी तरह से चरमरा जाएंगे। अचानक आपके सारे ऐशो आराम खत्‍म हो जाएंगे और आसमान से सीधा धरातल में आ जाएंगे। शनि देव जब न्‍याय करते हैं तो वह यह नहीं देखते कि जो दंड दिया जा रहा है वह कितना क्रूर है इसलिए ही उन्‍हें क्रूरतम ग्रहों की श्रेणी में अग्रणी रखा गया है। ऐसा नहीं है कि शनि देव केवल बुरा ही करते हैं। इसकी कई कहानियां हैं और ये कहानियां आम आदमी की हैं और सेलेब्रिटी लाइव से भी हैं। जब शनि देव प्रसन्‍न हुए तो उन्‍होंने रातों रात व्‍यक्ति को ऐसे ऐशोआराम में लाकर रख दिया जैसा खुद उन्‍होंने सोचा भी नहीं था। सदी के महानायक अमिताभ बच्‍चन की ...

मानव के सुख समृद्धि के ल‍िए शि‍व का आशीर्वाद है अभिमंत्रित सात मुखी रुद्राक्ष

 जय रुद्र जय रुद्राक्ष  व्‍यक्ति जीवन में आगे बढ़ने और अपने परिवार का पालन पोषण करने के ल‍िए हमेशा बहुत मेहनत करता है। लेकिन उसके द्वारा सफलता प्राप्‍ति के प्रयास हर बार सफल हो यह संभव नहीं है। जीवन में कभी कभी व्‍यक्ति को ऐसे झटके भी लगते हैं क‍ि फ‍िर दोबारा वह खड़े होने की हिम्‍मत नहीं कर पाता। कई बार आर्थिक परिस्थितियां व्‍यक्ति को वहां पहुंचा देती हैं जहां की कल्‍पना भी उसने न की हो। ऐसे में वह ईश्‍वर से प्रार्थना तो करता है लेकिन कई बार ईश्‍वर के बताए हुए मार्ग या साधन की प्राप्‍ति नहीं कर पाता जिससे वह वहीं का वहीं रह जाता है। ईश्‍वर इस पृथ्‍वी में बार बार अवतरित नहीं हो सकता और न ही व्‍यक्ति व्‍यक्ति वह समस्‍याएं सुन कर उनका ि‍निवारण कर सकता है इसलिए ईश्‍वर की इच्‍छा के अनुसार ही हमारे ऋषि मुनियों ने अपने ग्रंथों में ऐसे उपायों का वर्णन ि‍किया है ज‍िनके व‍िधिवत उपयोग से हम जीवन की कई परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं। ऐसा ही एक उपाय है रुद्राक्ष। यह रुद्राक्ष की महिमा ही है क‍ि इसके बारे में भारत वर्ष का ही नहीं अपितु पूरे व‍िश्‍व का बच्‍चा बच्‍चा जानता है...

आर्थिक परेशानी है या है धन की कामना, तो ऐसे धारण करें अभिमंत्रित कछुआ अंगूठी

कछुआ अंगूठी को जानते सभी है लेकिन इसके विषय में लोगों की जानकारी आधी अधूरी ही है। आइए जानते और समझते हैं कि क्‍यों और कैसे धारण की जाती है कछुआ अंगूठी और ऐसा क्‍या है इस अंगूठी में जो लोग इसे धारण करते हैं और ज्‍योतिषी इसे पहनने की सलाह देते हैं। नवरत्‍न जडि़त अभिमंत्रित कछुआ अंगूठी प्राप्‍त करने हेतु 7007012255 पर कॉल करें।  COD में ऑडर करें।  मां लक्ष्‍मी के उत्‍पन्‍न होने की कहानी तो सबने सुनी होगी। समुद्र मंथन की महान घटना से मां लक्ष्‍मी उत्‍पन्‍न हुई जिसे स्‍वयं भगवान विष्‍णु को ग्रहण किया। लेकिन प्रश्‍न ये है कि समुद्र मंथन की घटना में भगवान विष्‍णु किस रूप में शामिल थे। वह कश्‍चप यानि की कछुए के अवतार के रूप में पूरे मंथन का भार अपनी पीठ पर उठाए हुए थे और वही कारण बने मां लक्ष्‍मी के उत्‍पन्‍न होने का। इसी से समझा जा सकता है कि मां लक्ष्‍मी के आवाहन के लिए कछुए की अंगूठी धारण करना कितना शुभकारी है। ज्‍योतिषीय सलाह: उपायों के रूप में रत्‍नों को धारण करना बहुत आम बात है। लोग रत्‍नों को अंगूठी के रूप में या फिर इसे लॉकेट के रूप में भी पह...