जय रुद्र जय रुद्राक्ष
व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ने और अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए हमेशा बहुत मेहनत करता है। लेकिन उसके द्वारा सफलता प्राप्ति के प्रयास हर बार सफल हो यह संभव नहीं है।जीवन में कभी कभी व्यक्ति को ऐसे झटके भी लगते हैं कि फिर दोबारा वह खड़े होने की हिम्मत नहीं कर पाता। कई बार आर्थिक परिस्थितियां व्यक्ति को वहां पहुंचा देती हैं जहां की कल्पना भी उसने न की हो।
ऐसे में वह ईश्वर से प्रार्थना तो करता है लेकिन कई बार ईश्वर के बताए हुए मार्ग या साधन की प्राप्ति नहीं कर पाता जिससे वह वहीं का वहीं रह जाता है।
ईश्वर इस पृथ्वी में बार बार अवतरित नहीं हो सकता और न ही व्यक्ति व्यक्ति वह समस्याएं सुन कर उनका िनिवारण कर सकता है इसलिए ईश्वर की इच्छा के अनुसार ही हमारे ऋषि मुनियों ने अपने ग्रंथों में ऐसे उपायों का वर्णन िकिया है जिनके विधिवत उपयोग से हम जीवन की कई परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं।
ऐसा ही एक उपाय है रुद्राक्ष। यह रुद्राक्ष की महिमा ही है कि इसके बारे में भारत वर्ष का ही नहीं अपितु पूरे विश्व का बच्चा बच्चा जानता है। कई लोगों ने इसकी चमत्कारिक शक्तियों से अपने जीवन में बदलाव होते भी देखें हैं। आइए जानते हैंं रुद्राक्षों में सबसे श्रेष्ठ माने जाने वाले 7 मुखी रुद्राक्ष के बारे में और इसके उपयोग के बारे में :
प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें।
सात मुखी रुद्राक्ष जो कि नेपाल की पहाडि़यों पर पाया जाता है सभी रुद्राक्षों में श्रेष्ठ और ग्रहस्थ जीवन में खुद को झोंक चुके व्यक्ति के लिए सर्वोत्तम माना गया है। इस लेख में दी गई जानकारी का आधार महादेव की स्तुति करने वाली पुस्तिका शिव महापुराण है। इस पुस्तक में रुद्राक्ष से संबंधित जो जानकारी दी गई है उसमें 7 मुखी रुद्राक्ष की महिमा का वर्णन कुछ इस तरह से किया गया है।
1: यह रुद्राक्ष न्याय के ग्रह शनिदेव से संबंधित है और ऐसा माना जाता है कि यदि कुंडली में शनि देव के कारण आपको पीड़ा उठानी पड़ रही हो अर्थात शनि देव की साढ़ेसाती, ढैया, महादशा या अंतरदशा हो तो इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए। महादेव से संबंधित होने के कारण इस रुद्राक्ष के धारण करने के तुरंत बाद से ही शनि देव की कृपा दृष्टि आप पर हो जाती है। और ये बात सभी जानते हैं कि जिस पर शनि देव की कृपा दृष्टि हो जाए वह रातो रात आसमान की बुलंदियों पर पहुंच जाता है।
इसलिए यदि आप शनि देव की साढ़े साती, ढैया और महादशा से गुजर रहे हैं तो अभी हमारे संस्थान की वेबसाइट से अभिमंत्रित व लैब सर्टिफाइड रुद्राक्ष को प्राप्त करें।
प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें।
2: सात मुखी रुद्राक्ष को महालक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है। इसको हर प्रकार की आर्थिक परेशानियों से निपटने के लिए धारण किए जाने की परंपरा सदियों से रही है। महालक्ष्मी का स्वरूप होने के साथ साथ शनि देव से इस रुद्राक्ष का संबंध व्यापारियों के लिए इसे बेहद लाभ देने वाली युक्ति बनाता है। ऐसी प्रबल मान्यता है कि अभिमंत्रित सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद व्यक्ति विकट से विकट आर्थिक संकट से उबर कर सामान्य जीवन जीने लगता है।
हमारे संस्थान ज्योतिष आशा से उच्च श्रेणी के अभिमंत्रित रुद्राक्ष मान्यता प्राप्त लैब द्वारा सर्टिफिकेशन के साथ उपलब्ध है। तो यदि आपके जीवन विकट आर्थिक संकट से गुजर रहा है और कोई मार्ग दिखाई नहीं दे रहा है तो हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा दिखाए गए इस मार्ग को अपनाइए।
प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें।
3: पुराणों में सात मुखी रुद्राक्ष को अनंग भी कहा गया है जिसका अर्थ है कामदेव। सात मुखी रुद्राक्ष में काम शक्ति को बढ़ाने की अद्भभुत क्षमता होती है। यही कारण है कि इसके भस्म को आज भी कामोत्तेजना बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक औषधियों में इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं इसको धारण करने से स्त्री व पुरूष दोनों का व्यक्तित्व आकर्षक बनता है और वह कामदेव के समान आकर्षण शक्ति का स्वामी हो जाता है। उसकी काया दूसरों को मोह पाश में बांध लेती है।
इसी कारण से वेदिक ज्योतिष में पत्नी पति के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए इस रुद्राक्ष को धारण करने की सलाह दी जाती है।
रुद्राक्ष वेदिक काल से विभिन्न कार्य सिद्धि के लिए धारण किया जाता रहा है। शायद ही कोई व्यक्ति हो इसके प्रभाव को न मानता हो इसके बाद भी यह समझना मुश्िकल है कि आज भी व्यक्ति परेशानियों में रहकर भी इसे धारण करने से कतराता है।
ऐसा न करें, और हमारे प्रतिष्िठत संस्थान से आज की कैश ऑन डिलेवरी की सुविधा के साथ भारत के किसी भी कोने में प्राप्त करें अभिमंत्रित व लैब सर्टिफाइड सात मुखी रुद्राक्ष।
प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें।
इन महत्वपूर्ण बातों के अलावा सात मुखी रुद्राक्ष में सात शक्तियों के रुप में ब्राह्माणी, महेश्वरी, कौमारी, इन्द्राणी और चामुंडा का वास होता है जो हमें ओज, तेज, ज्ञान, बल, सुरक्षा और आर्थिक मजबूती देने वाली होती हैंं। कई महान मुनियों ने इस रुद्राक्ष को धन, सम्पति, कीर्ति और यश प्रदान करने वाला कहा है।
इतना ही जिन व्यक्तियों को हमेशा अनिष्ट की कल्पना होती हो, जिसे अकाल मृत्यु का भय हो, जन्म कुंडली के अनुसार जिसकी कुंडली में मारक ग्रह का प्रभाव उत्पन्न हो गया हो उसे तत्क्षण बिना विलम्ब किए इस रुद्राक्ष को धारण कर लेना चाहिए।
कैसे करते हैं धारण
सात मुख्ाी रुद्राक्ष की महिमा अनंत है इसलिए इसको धारण करने से पहले आपका प्रयोजन निश्चित होना आवश्यक है।
यदि आप इसे शनि की दया प्राप्ति के लिए धारण कर रहे हैं तो इसे शाम के समय सूर्य अस्त होने के बाद सरसों के तेल व काले तिल के अर्पण के पश्चात गले में काले धागे के साथ धारण करना चाहिए।
अपितु आपका प्रयोजन यदि व्यापार वृद्धि है तो इसे सोमवार के दिन प्रात: काल दूध के इसका अभिषेक कर ऊं नम: शिवाय के मंत्रों का उच्चारण करने के पश्चात धारण करना चाहिए।
किन्तु यदि आप इसे अपने व्यक्तित्व को आकर्षक बनाने के लिए इसे धारण कर रहे हैं तो इसे शुक्रवार के दिन लाल अक्षत लगाकर लाल धागे में धारण करना चाहिए।
Comments
Post a Comment