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शनि देव के आशीर्वाद से रंक भी बनता है राजा, महानायक है इसके उदाहरण जरूर पढ़ें।


शनि देव की कृपा और क्रोध के कई किस्‍से हम सबने सुने हैं। सभी नौ ग्रहों में सबसे ज्‍यादा क्रूर ग्रह अगर किसी को माना जाता है तो वह शनि देव हैं। इसके पीछे कई कहानियां और विचार हैं। ऐसा ही एक विचार है वेदिक ज्‍योतिष में हैं जिसके अनुसार यह कहा जाता है कि शनि देव सिर्फ हानि या विनाश नहीं करते बल्‍कि वह न्‍याय करते हैं और न्‍याय करते समय शनि देव एकदम दृढ़ हो जाते हैं अर्थात अगर शनि देव के न्‍याय के अनुसार आपको दंड देना है तो वह दंड ऐसा होगा कि आप पूरी तरह से चरमरा जाएंगे। अचानक आपके सारे ऐशो आराम खत्‍म हो जाएंगे और आसमान से सीधा धरातल में आ जाएंगे।

शनि देव जब न्‍याय करते हैं तो वह यह नहीं देखते कि जो दंड दिया जा रहा है वह कितना क्रूर है इसलिए ही उन्‍हें क्रूरतम ग्रहों की श्रेणी में अग्रणी रखा गया है।

ऐसा नहीं है कि शनि देव केवल बुरा ही करते हैं। इसकी कई कहानियां हैं और ये कहानियां आम आदमी की हैं और सेलेब्रिटी लाइव से भी हैं। जब शनि देव प्रसन्‍न हुए तो उन्‍होंने रातों रात व्‍यक्ति को ऐसे ऐशोआराम में लाकर रख दिया जैसा खुद उन्‍होंने सोचा भी नहीं था। सदी के महानायक अमिताभ बच्‍चन की कहानी तो इंटरनेट में बहुत आम है। उनके काम और पैसे की आज की स्थिति शनि देव की कृपा का ही नतीजा है नहीं तो इस महानायक के जीवन में एक समय ऐसा भी आ गया था जब वह अपने घर को बेचने की कगार में पहुंच गया था और न जाने कैसी कैसी फिल्‍में कर के अपना काम चला रहा था।

ABCL (अमिताभ बच्‍चन कॉरपोरेशन लिमिटेड) में हुई आर्थिक गढ़बड़ी और इस प्रोडक्‍शन से निकली लगातार फ्लॉप फिल्‍मों ने 1995 से 2000 के बीच में अमिताभ को पूरी तरह से तोड़ कर रख दिया। उन्‍होंने अपने एक इंटरव्‍यू में कहा कि कौन बनेगा करोड़पति मुझे जब मिला वह साल 2000 था। लोग नए मिलेनियम की खुशी मना रहे थे और मैं उस समय अपने बारे में सोच कर चिंतित था कि मेरे पास अब तो न प्रोपर्टी रह गई न बिजनेस रह गया और तो और बैंक बैंलेंस भी कुछ नहीं रहा है। एक बंगला था लेकिन इनकम टैक्‍स ने उस पर भी क्‍लेम कर दिया था।
ऐसे में कौन बनेगा करोड़पति ने मुझे नया जीवन दिया और आज मैं जो कुछ भी हो सका हूं वो इसके कारण ही है।

अब एक नजर डालते हैं कि यहां इस कहानी का क्‍या महत्‍व है। इस समय से ही लोगों ने नोटिस किया कि अमिताभ बच्‍चन के सीधे हाथ की मध्‍यमा अंगुली में एक नीलम आ गया है। इस नीलम की कहानी खुद अमिताभ ने कई जगह सुनाई है कि कैसे केबीसी मिलने से कुछ एक माह पहले ही उन्‍होंने नीलम धारण किया था और उसके बाद आज तक उन्‍हें पीछे मुड़ कर देखने की जरूरत ही नहीं पड़ी।

यह महिमा है शनि देव की। उन्‍होंने पूरी तरह से बर्बाद हो चुके सदी के महानायक को जब संभाला तो इतना दिया कि उनके सारे कष्‍ट दूर हो गए। लेकिन शनि देव हाथ में हाथ रख कर कुछ नहीं देते। वह मेहनत करवाते हैं और उसका फल देते हैं इसलिए अमिताभ इस उर्म में भी भरपूर काम कर रहे हैं और भरपूर पैसा कमा रहे है और हर तरह के सुख भोग रहे हैं।


अब आपके मन में सवाल उठेगा कि क्‍या सभी शनि देव को प्रसन्‍न कर अपने कर्मों का भरपूर फल प्राप्‍त कर सकता है तो जवाब है हां। हमारे ऋषि मुनियों ने यही अनुसंधान किए और यह पाया कि नीलम सभी के लिए धारण करना उचित नहीं है किन्‍तु यदि शनि देव के कोप से बच कर उन्‍हें प्रसंन्‍न करना चाहते हैं तो उनसे जुड़े दूसरे रत्‍नों को धारण किया जा सकता है जिसका सकारात्‍मक परिणाम हमेशा प्राप्‍त होता है।

ऐसे उपायों में पहला उपाय है

काला हकीक की अंगूठी:  यह अंगूठी शनि के रत्‍न काला हकीक से तैयार की गई है। इसको चांदी के छल्‍ले में लगाया गया है और अभिमंत्रित कर इस तरह से तैयार किया गया है कि आपको संपूर्ण लाभ दे। इस अंगूठी के साथ आपको एक सिद्ध शनि यंत्र भी दिया जाता है जिसे अपने धन स्‍थान में रखने से धन आपके पास ठहरता है। इस अंगूठी को स्‍वयं धारण करने के पश्‍चात संपूर्ण समर्पण भाव रखकर अपने कर्म पर लग जाएं। देखते ही देखते यह चमत्‍कारिक रत्‍न आपके भविष्‍य को संवारने की ओर आपको प्रेरिक करेगा और आप सफल व्‍यक्ति बनेंगे।
दूसरा उपाय है 

लाजवर्त (लेपिस) की अंगूठी: यह शनि के मुख्‍य रत्‍न नीलम का उपरत्‍न है। इसे भी चांदी के छल्‍ले में लगवा कर अभिमंत्रित कर धारण विधि आदि के साथ आपको भेजा जाता है। कर्ज मुक्ति और अचानक धन लाभ के लिए इस अंगूठी को धारण करना बहुत लाभकारी माना गया है। यह शनि देव की जड़ी शीम के पत्‍ते के साथ भेजा जाता है यह दुर्लभ और अतिलाभकारी पत्‍ते होते हैं जिसे अपने मंदिर में स्‍थापित करते हैं। इससे शीघ्र ही कर्ज मुक्ति के मार्ग खुलते हैं।

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तीसरा उपाय है 

सात मुखी रुद्राक्ष: यह रुद्राक्ष व्‍यापार वृद्धि के लिए बहुत लाभकारी माना गया है। सात मुखी रुद्राक्ष में साक्षात शनि देव और मां लक्ष्‍मी का वास माना जाता है। इसे अभिमंत्रित कर चांदी में लगवाकर आपके धारण करने के लिए भेजा जाता है। इसे धारण करने से व्‍यापार में लाभ मिलता है और धीरे धीरे आप व्‍यापार की ऊचाइयों को छूते हैं।

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