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भाग्‍य परिवर्तन की क्षमता वाले राशि रत्‍न



राशि रत्‍न सदियों से मानव जीवन का ह‍िस्‍सा हैं। प्राचीन कालखंड में भी कई ऐसे उदाहरण म‍िल जाते हैं ज‍िनमें राश‍ि रत्‍न धारण कर जीवन की चुनौतियों का सरलता से सामना करने की बात स्‍वीकारी गई है।
राशि रत्‍न बेहद लाभकारी होते हैं यही कारण है क‍ि यह लंबे समय से मानव सभ्‍यता का ह‍िस्‍सा बने हुए हैं। 

रत्‍न बेहद लाभकारी हैं और यह अपनी ऊर्जा मात्र से व्‍यक्ति का जीवन परिवर्तन करने की क्षमता रखते हैं जरूरत बस इतनी होती है क‍ि रत्‍न को समझकर सलाह अनुसार धारण क‍िया जाए। 

आइए जानते हैं भाग्‍योदय के ल‍िए राशि अनुसार रत्‍न

1: मेष और वृश्‍चिक राशि :
मेष और वृश्‍चिक राशि का स्‍वामी मंगल होता है। मंगल बल, शक्‍ति और साहस का कारक होता है। अत: इन राशि के जातकों को मूंगा धारण करके आगे बढ़ने की क्षमता प्राप्‍त होती है। वह अपने साहस और न‍िडरता के कारण धन, यश, वैभव और सामाजिक प्रतिष्‍ठा प्राप्‍त करते हैं।

आचार्य जी के आशीर्वाद स्‍वरूप मूंगा की अभिमंत्रित अंगूठी उसकी धारण व‍िधि‍ और  प्रमाण पत्र के साथ प्राप्‍त करने के ल‍िए 7007012255 पर संपर्क कीजिए। या फोटो में क्‍ल‍िक करके ऑनलाइन बुक कीजिए।

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2: वृषभ और तुला राशि:
वृषभ और तुला राशि का स्‍वामी शुक्र ग्रह होता है। शुक्र सामाजिक और शारिरीक सुख देने वाला ग्रह होता है। यह धन वैभव और हर तरह के ऐशो आराम का कारक होता है। अत: वृषभ और तुला राशि के जातकों को सामाजिक, शारीरिक सुख के ल‍िए तथा धन वैभव ऐशो आराम, व्‍यापारिक और आर्थिक लाभ के लि‍ए ओपल धारण करना चाहिए। 

अभिमंत्रित और लैब से प्रमाणित ओपल रत्‍न की चांदी में बनी हुई अंंगूठी प्राप्‍त करने के लि‍ए 7007012255 पर कॉल करें। या फोटो में क्‍ल‍िक करके ऑनलाइन बुक कीजिए।
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3:म‍िथुन और कन्‍या राशि:
म‍िथुन और कन्‍या राशि का स्‍वामी बुध होता है। यह बुद्धि का कारक होता है। शुभ फल देने वाला ग्रह ज‍िस व्‍यक्ति के ऊपर शुभ दृष्टि डालता है वह हर कार्य से सफल होता है। अपने बुद्धि विवेक से वह राजा के समाज जीवन व्‍यतीत करता है।

अत: इन राशि के जातकों को पन्‍ना रत्‍न अवश्‍य धारण करना चाहिए ज‍िससे उन्‍हें धन, प्रतिष्‍ठा, सम्‍मान, उचित पद और हर क्षेत्र में लाभ प्राप्‍त हो सके।

अभिमंत्रित तथा लैब से प्रमाणित पन्‍ना की अंगूठी प्राप्‍त करने के लि‍ए 7007012255 पर काॅल करें।या फोटो में क्‍ल‍िक करके ऑनलाइन बुक कीजिए।

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  4: कर्क राशि:
कर्क राशि का स्‍वामी चंद्रमा होता है। हमारे मन का स्‍वामी चंद्रमा हमें बेहतर न‍िर्णय लेने की क्षमता देता है। इसको धारण करने से व्‍यापार, पारिवारिक पक्ष में तथा सामाजिक प्रतिष्‍ठा में बढ़ोत्‍तरी होती है। वैसे हर एक पक्ष में इसका प्रभाव देखने को म‍िलता है क्‍योंकि मन के दृढ़ होने के बाद व्‍यक्ति हर क्षेत्र में अतुलनीय सफलता प्राप्‍त करता है।
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5: स‍िंंह राश‍ि:
स‍िंह राशि का स्‍वामी सूर्य होता है। यह तेज देने वाला ग्रह हर सुख देने की क्षमता रखता है। सरकारी नौकरी का कारक ग्रह सूर्य होता है अत: सि‍ंह राश‍ि के जातक अगर अपना राश‍ि रत्‍न माणिक धारण करते हैं और सरकारी नौकरी के ल‍िए प्रयास करते हैं तो उन्‍हें सफलता की संभावनाएं 99 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। 

इसके अलावा नेतृत्‍व क्षमता में वृद्धि के लि‍ए, व्‍यापार में लाभ के ल‍िए, आर्थिक उन्‍नति के लि‍ए स‍िंंह राशि के जातकों को इसे धारण करना चाहिए।
अभिमंत्रित तथा लैब से प्रमाणित माणिक की अंगूठी प्राप्‍त करने के लि‍ए 7007012255 पर काॅल करें।या फोटो में क्‍ल‍िक करके ऑनलाइन बुक कीजिए।



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6: धनु और मीन राशि:
धनु और मीन राशि का स्‍वामी गुरू बृहस्‍पति होता है। इस राशि के जातकों का राशि रत्‍न पुखराज होता है। पुखराज धारण करने के बाद इस राशि के लोगों में आध्‍यात्‍म के प्रति रुचि बढ़ती है वह धार्मिक कार्यों में रुचि लेते हैं।
इसके अलावा व्‍यापार में उन्‍नति के लि‍ए, आर्थिक उन्‍नति के लि‍ए, धन-पद प्रतिष्‍ठा प्राप्‍ति के ल‍िए इसे धनु व मीन राशि के जातकों को अवश्‍य धारण करना चाहिए।
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 7: मकर और कुंभ राशि:
मकर और कुंभ राशि के स्‍वामी शनि देव होते हैं। शनि कर्म का संपूर्ण फल देने वाले ग्रह हैं। इसलिए अगर इस राशि के जातक अपना राशि रत्‍न नीलम धारण करते हैं तो उन्‍हें अपने हर काम का संपूर्ण फल प्राप्‍त होता है। वह आगे बढ़कर सभी कामों में उत्‍तम करते हैंंओर इसी के दम पर पद, प्रतिष्‍ठा, सम्‍मान, धन, वैभव सब कुछ हांसिल करते हैं।

अभिमंत्रित, प्राण प्रतिष्‍ठित 100 प्रतिशत शुद्ध प्राकृतिक नीलम रत्‍न की चांदी की अथवा पंचधातु की अंगूठी प्राप्‍त करने के लि‍ए 7007012255 पर कॉल कीजिए। या फोटो में क्‍ल‍िक करके ऑनलाइन बुक कीजिए।

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कुछ फैसले जीवन की दशा और दिशा बदल देते हैं। अपना राशि रत्‍न धारण करने के लिए अभी 7007012255 पर कॉल कीजिए। 

कुछ महत्‍वपूर्ण बातों का ध्‍यान रखें: 
1: रत्‍न टूटा न हो और क‍िसी का धारण क‍िया हुआ न हो: 
जिस प्रकार टूटा हुआ रत्‍न क‍िसी काम का नहीं होता उसी प्रकार क‍िसी का धारण क‍िया हुआ रत्‍न भी बेकार होता है। हो सकता है वह रत्‍न क‍िसी की नकारात्‍मक ऊर्जा साथ ल‍िए हो जो समयान्‍तर में आपकी परेशानी का कारण बन सकता है। 
अक्‍सर हम थोड़े पैसों के लालच में अज्ञानता वश जोहरी के या पास के सोनी के पास से रत्‍न ले लेते हैंं व‍िशेषकर पुखराज और नीलम। वह यह आश्‍वासन देता है कि‍ इसकी वापसी पर आपको 20 प्रतिशत काट कर बाकी का धन वापस कर दि‍या जाएगा। ऐसे में एक बाद याद रखें: 
जो आपसे रत्‍न वापस ले रहा है वह आपको क‍िसी से वापस ल‍िया रत्‍न ही दे रहा होगा।   
ऐसे रत्‍न ज्‍योतिषीय प्रभाव के नहीं होते तो ये बात गांठ बांध लें क‍ि रत्‍न हमेशा फ्रेश लें जो क‍िसी के धारण क‍िए हुए न हों।

2: प्राकृतिक रत्‍न हो:
रत्‍न प्रकृति अपने गर्भ में बनाती है। यह मानव सभ्‍यता को धरती मां के उपहार जैसा है। इसलिए क‍िसी लैब से प्रमाणित रत्‍न ही लें। लैब द्वारा बनाए गए प्रमाण पत्र की जांच कर लें उसमें भारत सरकार के न‍िर्देशानुसार प्रमाणिकरण संस्‍था का पता, जेमोलॉजिस्‍ट का कॉन्‍टेक्‍ट नम्‍बर, उसका नाम और हस्‍ताक्षर अवश्‍य हो।

3: अभिमंत्रित रत्‍न ही हैं लाभकारी
ग्रहों के वेदिक मंत्रों से मंत्रित रत्‍न ही लाभकारी होते हैं। अत: ऐसे रत्‍न ही धारण करें जो अभिमंत्रित हों अन्‍यथा सामान्‍य पत्‍थर का टुकड़ा और रत्‍नों में कोई अंतर नहीं होता।

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