Skip to main content

Posts

अब हर क‍िसी को म‍िलेगा गजकेसरी योग के शुभ फल, सभी के दुख दर्द और दरिद्रता होगी दूर, जानिए कैसे

Recent posts

इस मुद्रिका को धारण करने बदल जाएगा जीवन, जानिए क्‍यों है ये इतनी प्रभावकारी

चमत्‍कारिक प्रभाव वाली आनंदम मुद्रिका आनंदम मुद्रिका ज‍िसको धारण करने मात्र से ही जीवन आनंद से भर जाता है और व्‍यक्ति हर प्रकार के मानसिक अवसाद से मुक्ति पाता है, ऊर्जावान बनता है और काम को बहुत अच्‍छे ढंग से कर पाता है। इसे व‍िशेष तौर पर व्‍यक्ति को बुधादित्‍य योग का लाभ प्राप्‍त हो इसलिए बनाया गया है। इसमें सूर्य और बुध के उपरत्‍नों को लगाकर उन्‍हें व‍िशेष समय पर गुप्‍त मंत्रों से अभिमंत्रित क‍िया जाता है। ज‍िसके उपरांत यह इतनी शक्तिशाली और प्रभावकारी बनती है कि‍ बहुत से लोग इसे स्‍पर्श करते ही भाव व‍िभोर हो जाते है और अश्रु की धारा उनकी आंखों से बह न‍िकलती है। बुध बुद्धि देने वाला ग्रह है यह हर परिस्‍थिति में अच्‍छे फैसले लेने की शक्ति देता है तथा सूर्य न‍िरोगी बनाता है न‍िडर बनाता है और आपके तेज में अतुल‍नीय वृद्धि करता है। इसे धारण करने पर यही गुण धारण करने वाले को प्राप्‍त होते हैंंऔर वह अपनी बुद्धि और तेज के बल पर दुनिया के हर सुख का भोग करता है। वह धन प्राप्‍त करता है, सम्‍मान प्राप्‍त करता है, जहां रहता है वहां शीर्ष या उच्‍च पदों पर ही आसीन रहता है। इस मुद्रिका क...

धन धान्‍य से परिपूर्ण कर देगी यह श्री जी मुद्रिका

मां लक्ष्‍मी का आशीर्वाद स‍िद्ध श्री जी मुद्रिका  किसी ज्‍योतिषाचार्य से पूछिए क‍ि आखिर धन धान्‍य से पूर्ण लोगों की कुंडली में ऐसा क्‍या होता है जिसके दम पर वह अपने जीवन में हर प्रकार के सुख भोगते हैं, तो इसका जवाब आपको म‍िलेगा कुंडली के अच्‍छे योग... यही अच्‍छे और बुरे योग तय करते हैं क‍ि व्‍यक्ति जीवन में क्‍या हांसिल कर पाएगा क‍ितने सुखों का भोग करेगा और कैसे अपना जीवन ब‍िताएगा।  लोग जन्‍म से म‍िले योगों को ही अपनी न‍ियति‍ मान लेते हैं और पूरा जीवन संघर्षों में ही ब‍िता देते हैं।  लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्‍योंकि ज्‍योतिष आशा के शोधाचार्यों ने अनुसंधान के उपरांत यह पाया क‍ि कुंडली के योग कुछ और नहीं केवल ग्रहों की युति और उनके विशेष फल हैं। ज‍िसका प्रभाव हम रत्‍नों के माध्‍यम से अधिक या कम करके प्राप्‍त कर सकते हैं।  आइए ऐसे ही एक योग और उसके प्रभाव पर चर्चा करते हैं:   शुक्र और बुध ग्रह दो शुभ ग्रह हैं। इनके अच्‍छे प्रभाव मानव को कभी भी क‍िसी प्रकार की कमी नहीं होने देते। हमेशा धन संपदा से परिपूर्ण रखते हैं और हर प्रकार से सुख देते हैं।...

भाग्‍य परिवर्तन की क्षमता वाले राशि रत्‍न

राशि रत्‍न सदियों से मानव जीवन का ह‍िस्‍सा हैं। प्राचीन कालखंड में भी कई ऐसे उदाहरण म‍िल जाते हैं ज‍िनमें राश‍ि रत्‍न धारण कर जीवन की चुनौतियों का सरलता से सामना करने की बात स्‍वीकारी गई है। राशि रत्‍न बेहद लाभकारी होते हैं यही कारण है क‍ि यह लंबे समय से मानव सभ्‍यता का ह‍िस्‍सा बने हुए हैं।  रत्‍न बेहद लाभकारी हैं और यह अपनी ऊर्जा मात्र से व्‍यक्ति का जीवन परिवर्तन करने की क्षमता रखते हैं जरूरत बस इतनी होती है क‍ि रत्‍न को समझकर सलाह अनुसार धारण क‍िया जाए।  आइए जानते हैं भाग्‍योदय के ल‍िए राशि अनुसार रत्‍न 1: मेष और वृश्‍चिक राशि : मेष और वृश्‍चिक राशि का स्‍वामी मंगल होता है। मंगल बल, शक्‍ति और साहस का कारक होता है। अत: इन राशि के जातकों को मूंगा धारण करके आगे बढ़ने की क्षमता प्राप्‍त होती है। वह अपने साहस और न‍िडरता के कारण धन, यश, वैभव और सामाजिक प्रतिष्‍ठा प्राप्‍त करते हैं। आचार्य जी के आशीर्वाद स्‍वरूप मूंगा की अभिमंत्रित अंगूठी उसकी धारण व‍िधि‍ और  प्रमाण पत्र के साथ प्राप्‍त करने के ल‍िए 7007012255 पर संपर्क कीजिए। या फोटो में क्‍ल‍िक करके ऑनलाइन ...

ऋण मोचन कवच, कर्ज मुक्ति का ज्‍योतिषीय उपाय

यदि कोई व्यक्ति कर्ज के बोझ में दबा हो तो उसका दर्द केवल वो ही समझ सकता है। जीवन व्यर्थ सा लगने लगता है। बार- बार उसे बेइज्जती का सामना करना पड़ता है। कर्ज में डूबे व्‍यक्ति का जीवन नरक सा हो जाता है।  बहुत बार तो यह भी देखा गया है कि कर्ज के बोझ तले दबा व्यक्ति अवसाद का शिकार हो जाता है। वह धीरे धीरे अपनों से भी दूर-दूर रहने लगता है। आचार्य अभिनव ने कर्ज से दबे व्येक्तियों की कुंडली का अध्य‍यन किया और निष्‍कर्ष पर पहुंचे कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह नीच का हो या शुभ फल देने की स्थिति में न हो। इसके अलावा अगर अशुभ मंगल की दृष्टि 6 ठें , 11 वें और 12 वें भाव में पड़ रही हो तो भी व्याक्ति कर्ज में डूब जाता है और पाई पाई को मोहताज होता है। यह स्थिति और भयावाह तब हो जाती है जब शनि की ढैया , साढेसाती , महादशा या अंतरदशा आ जाए। यदि मंगल और शनि एक साथ अशुभ प्रभाव देने पर आ गए तो कर्ज के साथ बदनामी होगी। जगह-जगह अपमानित होना पड़ेगा। उपाय: कर्ज की स्थिति में मंगल ग्रह को शांत करना बहुत आवश्योक होता है और सारे उपाय उसी से संबंधित होते हैं। कर्ज जब अध...

विवाह बाधा निवारण कवच, शादी के रुकावट को दूर करने का रामबाण उपाय

विवाह बाधा निवारण कवच हमारे समाज में विवाह का इतना महत्‍व है कि यदि सही समय में किसी का विवाह संपन्‍न हो जाए तो उसे भगवान का वरदान ही समझा जाता है। लेकिन यदि किसी का विवाह समय से न हो तो यह सिर्फ उसके लिए ही नहीं उसके पूरे परिवार के लिए परेशानी और तनाव का कारण बन जाता है। लेकिन वेदिक ज्‍योतिष में इस परिस्थिति से बाहर निकलने के लिए कई कारगर उपाय हैं। इन्‍हीं उपायों में से ज्‍योतिष आशा के माध्‍यम से मैं लेकर आया हूं विवाह बाधा निवारण कवच। आइए जानते हैं क्‍या खास है इस कवच में और कैसे यह सक्षम है विवाह में आ रही अड़चनों और बाधाओं को दूर करने में: इस कवच का सबसे पहला और महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है: 1: कात्‍यायिनी यंत्र:  मां कात्‍यायिनी मंगल कार्यों की देवी हैं और भारतीय पौराणिक कथाओं में इस बात का साफ वर्णन मिलता है कि जब गोपियों को श्रीकृष्‍ण का प्रेम नहीं प्राप्‍त हुआ तो उन्‍होंने मां कात्‍यायिनी की पूजा अर्चना की और उनसे स्‍वामी रुप में भगवान श्रीकृष्‍ण को प्राप्‍त करने की कामना की। मां कात्‍यायिनी के आशीर्वाद से ही भगवान श्रीकृष्‍ण सबको प्राप्‍त हुए। इस प्र...

क्‍यों वेदिक उपायों में सर्वश्रेष्‍ठ है राशि भाग्‍य रत्‍न धारण करना।

राशि के अनुसार रत्‍न जानने व अभिमंत्रित तथा 100 प्रतिशत शुद्ध रत्‍न प्राप्‍त करने के लिए 7007012255 पर कॉल कीजिए।  राशि अनुसार रत्‍नों को धारण करने की परंपरा वेदिक काल से रही है। वेदिक काल की कथाओं और वृत्‍तांतों में जीवन में कई दुखों और कष्‍टों को हरने वाला राशि रत्‍नों को बताया गया है। राशि अनुसार धारण किए जाने वाले रत्‍नों में 7 रत्‍न मुख्‍य है जिन पर आज हम राशि अनुसार चर्चा करेंगे। सबसे पहले लेकिन यह समझना अनिवार्य है कि व्‍यक्ति की राशि क्‍या होती है। जन्‍म राशि अर्थात नाम राशि वेदिक ज्‍योतिष में बहुत महत्‍वपूर्ण मानी गई है। यह वास्‍तव में किसी भी व्‍यक्ति के जन्‍म के समय चंद्रमा की स्थिति को बताती है। वेदिक ज्‍योतिष में यह मान्‍यता है कि मनुष्‍य के जीवन भर उसकी राशि और उससे संबंधित ग्रह का प्रभाव रहता है। राशि रत्‍न धारण करने से व्‍यक्ति को संबंधित ग्रह के शुभफल तो प्राप्‍त होते ही हैं साथ ही स्‍वास्‍थ में लाभ ि‍मिलता है, व्‍यापार में उन्‍नति होती है और मन मष्तिस्‍त इतना प्रभावशाली बनता है ि‍कि वह स्‍वयंं अपने भाग्‍योदय के मार्ग पर चल पड़ता है। तो आइए जानते हैं राशि...